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सीबीआई (CBI) क्या है सीबीआई का क्या काम होता है ?

इस Blog में हम आपको CBI क्या है? सीबीआई की स्थापना से संबंधित इतिहास क्या है? इस एजेंसी की संरचना कैसी होती है? सीबीआई के कार्य की सीमाएं क्या-क्या हैं? आप एक सीबीआई अधिकारी कैसे बन सकते हैं ?

एक सीबीआई अफसर का वेतन कितना होता है? सीबीआई और सीआईडी में क्या अंतर है? आदि के बारे में बताने वाले हैं। तो दोस्तों सीबीआई से संबंधित सभी जानकारियों के लिए हमारा यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।

सीबीआई क्या है : WHAT IS CBI

CBI भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के तहत सीबीआई का नेतृत्व निदेशक द्वारा किया जाता है।

मूल रूप से रिश्वतखोरी और सरकारी भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित,1965 में इसे भारत सरकार द्वारा लागू केंद्रीय कानूनों के उल्लंघनों, बहु-राज्य संगठित अपराध, बहु-एजेंसी या अंतरराष्ट्रीय मामलों की जांच के लिए विस्तारित क्षेत्राधिकार प्रदान किया गया था।

एजेंसी को कई आर्थिक अपराधों, विशेष अपराधों, भ्रष्टाचार के मामलों और अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करने के लिए जाना जाता है।

CBI को सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से छूट प्राप्त है। सीबीआई इंटरपोल के साथ संपर्क के लिए भारत का आधिकारिक रूप से नामित एकमात्र जांच एजेंसी है।

सीबीआई का मुख्यालय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में स्थित है।

CBI Full Form or CBI Full Form in English

CBI Full Form
Central Bureau of Investigation

CBI Full Form in Hindi

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केंद्रीय जांच ब्यूरो

सीबीआई का इतिहास : HISTORY OF CBI 

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उत्‍पत्ति भारत सरकार द्वारा सन् 1941 में स्‍थापित विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) से हुई है।

उस समय Special Police Establishment का कार्य द्वितीय विश्‍व युद्ध के दौरान भारतीय युद्ध और आपूर्ति विभाग में लेन-देन में घूसखोरी और भ्रष्‍टाचार के मामलों की जांच करना था।

उस समय विशेष पुलिस प्रतिष्‍ठान का अधीक्षण युद्ध विभाग के जिम्‍मे था। लेकिन विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भी, केन्‍द्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा घूसखोरी और भ्रष्‍टाचार के मामलों की जांच करने हेतु एक केन्‍द्रीय सरकारी एजेंसी की जरूरत महसूस की गई।

इसीलिए सन् 1946 में दिल्‍ली विशेष पुलिस प्रतिष्‍ठान अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के द्वारा विशेष पुलिस प्रतिष्‍ठान का अधीक्षण गृह विभाग को हस्‍तांतरित कर दिया गया और इसके कामकाजों का विस्‍तार करके भारत सरकार के सभी विभागों को कवर कर लिया गया।

विशेष पुलिस प्रतिष्‍ठान का क्षेत्राधिकार सभी संघ राज्य क्षेत्रों तक विस्‍तृत कर दिया गया और सम्‍बन्धित राज्‍य सरकार की सहमति से राज्‍यों तक भी इसका विस्‍तार कर दिया गया।

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान को इसका लोकप्रिय नाम केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो गृह मंत्रालय के दिनांक 4 जनवरी 1963 के एक संकल्प पत्र द्वारा मिला।

आरम्‍भ में केन्‍द्र सरकार द्वारा सूचित अपराध केवल केन्‍द्रीय सरकार के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्‍टाचार से ही सम्‍बन्धित होते थे। धीरे-धीरे, बड़ी संख्‍या में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की स्‍थापना के साथ ही इन उपक्रमों के कर्मचारियों को भी केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्यूरो के क्षेत्र के अधीन लाया गया।

इसी प्रकार, सन्1969 में बैंकों के राष्‍ट्रीयकरण के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और उनके कर्मचारी भी केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो के क्षेत्र के अधीन आ गए।

सीबीआई संगठन की संरचना : ORGANIZATION STRUCTURE 

एक निदेशक, पुलिस महानिदेशक या पुलिस के आयुक्त रैंक के एक आईपीएस अधिकारी द्वारा सीबीआई का नेतृत्व किया जाता है। निदेशक सीवीसी अधिनियम 2003 के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर 2 साल की अवधि के लिए चुना जाता है।

सीबीआई में अन्य रैंक जो आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी और आईपीएस के कर्मचारी हो सकते हैं, वो है विशेष निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, पुलिस उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक।

इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल, कॉन्स्टेबल जो एसएससी के माध्यम से या पुलिस, आयकर विभाग और सीमा शुल्क विभाग से प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भर्ती किए जाते हैं।

सीबीआई की सीमाएं : CBI’s LIMITATIONSTIONS 

CBI की बहुत अधिक सीमाएं निर्धारित की गई है, जो कि इसे कई बार इसकी इन सीमाओं को लेकर इसकी आलोचना भी होती है। तो चलिए इसकी कुछ मुख्य सीमाओं को जान लेते हैं:-

  1. स्वविवेक नहीं : यह एजेंसी अपने ढंग से या स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर सकती। इसे कोई भी कार्य करने के लिए केन्द्र सरकार, न्यायपालिका या राज्यों की अनुशंसा का इंतजार करना पड़ता है।
  2. केवल जांच का अधिकार : इस एजेंसी का कार्य केवल जांच तक ही सीमित होता है, इसे सजा देने से संबंधी किसी अधिकार का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
  3. राज्यों की सहमति की आवश्यकता : इसके शक्तियों की यह सीमा है कि राज्यों के किसी मामले की जांच करने के लिए राज्य सरकार की सहमति होनी चाहिए। हालांकि न्यायालय द्वारा निर्धारित मामलों की जांच के लिए यह प्रावधान लागू नहीं होता।
  4. सरकार की ओर झुकाव : सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के जरिए केन्द्र सरकार का पक्ष प्रभावी हो जाता है। ऐसे में आगे चलकर

सीबीआई अफसर कैसे बनें : HOW TO BECOME A CBI OFFICER 

यदि आप सीबीआई में एक A Grade का आॅफिसर बनना चाहते हैं तो आप ऐसा हमारे द्वारा बताए गए निम्न विधियों को Follow करके कर सकते हैं

  1. सबसे पहले SSC-CGL की परीक्षा दें, फिर Sl-CBI (CBI में सब इंस्पेक्टर) पद का चयन करें और बाद में पदोन्नति के बाद, आप CBI में SP बन सकते हैं जो कि ग्रेड A पोस्ट है।
  2. UPSC-CSE की परीक्षा दें, DYSP का पद चुनें सीबीआई (ग्रुप बी) का पद, एकल पदोन्नति के बाद, आप एसपी बन जाते हैं, जो ग्रुप ए का पद होता है। लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात यह होती है कि डीवाईएसपी-सीबीआई का पद केवल तभी भरा जाता है, जब पदों की रिक्ति होती है, प्रत्येक वर्ष अन्य सेवाओं की तरह नहीं।
  3. आईबी‌ के समान ही यूपीएस-सिविल सेवा की परीक्षा दें, आईपीएस अधिकारी बनने के लिए पर्याप्त रैंक प्राप्त करें, कुछ समय के लिए अपने आवंटित कैडर में सेवा करें, फिर आप Probation (परिवीक्षा) के बाद सीबीआई में जा सकते हैं।

सीबीआई और सीआईडी में अंतर : DIFFERENCE BETWEEN CBI & CID 

अबतक तो आपको सीबीआई क्या होती है? इसके बारे में पता चल ही गया होगा। दोस्तों कई बार लोग सीबीआई और सीआईडी को लेकर असमंजस में रहते हैं और इन दोनों के बारे में जानने के इच्छुक रहते हैं तो चलिए अब हम इन दोनों के कुछ महत्वपूर्ण अंतरों को समझ लेते हैं:-

  • अगर बात करें कार्य क्षेत्र की तो सीआईडी द्वारा किसी मामले की जांच का काम एक राज्य की सीमाओं तक ही सीमित होता है जबकि सीबीआई का कार्य क्षेत्र पूरे भारत में और विदेशों तक होता है।
  • सीआईडी के पास जो भी मामले आते हैं उनकी ज़िम्मेदारी उस राज्य की उच्च न्यायालय और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं। वहीं सीबीआई के पास जो आपराधिक जांच के मामले आते हैं उनकी ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय और कभी-कभी राज्य की गुजारिश पर भी सौंपे जाते हैं।
  • CID जांच अफसर बनने के लिए सबसे पहले पुलिस में भर्ती होना पड़ता है फिर उसके बाद आप आवेदन करके सीआईडी अफसर बन सकते हैं। वहीं CBI में शामिल होने के लिए आपको SSC बोर्ड द्वारा आयोजित SSC-CGL परीक्षा को पास करना पड़ता है।
  • सीबीआई की स्थापना सन् 1941 में हुई थी जबकि सीआईडी की स्थापना सन् 1902 में हुई थी।

केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो प्रायः विवादों और आरोपों से घिरी रहती है। इस पर केन्द्रीय सरकार के एजेंट के रूप में पक्षपातपूर्ण काम करने का आरोप लगता रहता है।

CBI VS CID

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आशा करते हैं Friends की आपको हमारे द्वारा CBI के बारे मे लिखा गया Blog पसंद आया होगा। यदि हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने Friends व Social Media Sites पर Share ज़रूर करें

यदि आपके मन में CBI से संबंधित कोई सवाल उठ रहा है तो आप Comment करके पूछ सकते हैं तथा भविष्य में ऐसी ही रोचक जानकारियों के लिए हमारे Blog को follow कर सकते हैं, धन्यवाद।

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