आज हम Dwarkadhish Temple पर 10 Lines का निबंध साझा कर रहे हैं। यह लेख उन छात्रों की मदद कर सकता है जो हिंदी में Dwarkadhish Temple के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ।
यह निबंध बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। इस निबंध का स्तर मध्यम है इसलिए कोई भी छात्र इस विषय पर लिख सकता है। यह लेख आम तौर पर Class : 1, 2, 3 4 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है।
10 /5 Lines on Dwarkadhish Temple in Hindi For Class 1 To 3
1. द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के द्वारका में स्थित है।
2. इसे जगत मंदिर (ब्रह्मांड मंदिर) या रणछोड़राय मंदिर भी कहते हैं।
3. यह मंदिर भगवान कृष्णा को समर्पित है ।
4. इसकी पवित्रता के कारण यह सात प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक और चार धामों में से एक है।
5. मान्यता है कि इस स्थान पर मूल मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था।
6. इस मंदिर को ‘निज मंदिर’ के रूप में भी जाना जाता है।
7. यह स्थान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि है।
8. हिंदू त्यौहार, जन्माष्टमी के दौरान द्वारका में हजारों पर्यटक कान्हा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं ।
9. मंदिर के भीतर अन्य मंदिर हैं जो सुभद्रा, बलराम और रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी और कई अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं।
10. यह मंदिर रंगों और आस्था का एक अच्छा संगम है।
10 /5 Lines on Dwarkadhish Temple in English For Class 1 To 4
1.Dwarkadhish Temple is located in Dwarka, Gujarat.
2. It is also called Jagat Mandir (Cosmos Temple) or Ranchhodarai Temple.
3. This temple is dedicated to Lord Krishna
4. Due to its purity it is one of the seven major Hindu pilgrimage centers and one of the Char Dhams.
5. It is believed that the original temple was built at this place by the great-grandson of Lord Krishna, Vajranabhlen.
6. This temple is also known as ‘Nij Mandir’.
7- This place is the Karma Bhoomi of Shri Krishna.
8. Thousands of tourists visit Dwarka during the Hindu festival, Janmashtami.
9. There are other shrines within the temple dedicated to Subhadra, Balarama and Revati, Vasudeva, Rukmini and many other deities.
10. This temple is a good amalgamation of colors and faith.
10 Lines on Dwarkadhish Temple in Marathi For Class 1 To 3
1. द्वारकाधीश मंदिर द्वारका, गुजरात येथे आहे.
2. त्याला जगत मंदिर (कॉसमॉस मंदिर) किंवा रणछोडराय मंदिर असेही म्हणतात.
3. हे मंदिर भगवान श्रीकृष्णाला समर्पित आहे
4. त्याच्या शुद्धतेमुळे हे सात प्रमुख हिंदू तीर्थक्षेत्रांपैकी एक आणि चार धामांपैकी एक आहे.
5. असे मानले जाते की मूळ मंदिर या ठिकाणी भगवान श्रीकृष्णाचे पणतू वज्रनाभलेन यांनी बांधले होते.
6. हे मंदिर ‘निज मंदिर’ म्हणूनही ओळखले जाते.
7. हे ठिकाण श्री कृष्णाची कर्मभूमी आहे.
8. हिंदू सण, जन्माष्टमी दरम्यान हजारो पर्यटक द्वारकाला भेट देतात.
9. मंदिरात सुभद्रा, बलराम आणि रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी आणि इतर अनेक देवतांना समर्पित इतर देवळे आहेत.
10. हे मंदिर रंग आणि श्रद्धेचे चांगले मिश्रण आहे.
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