Swachh bharat abhiyan essay in hindi

स्वच्छ भारत अभियान (मिशन ) पर निबंध

स्वच्छता अपनाओ – स्वच्छता अपनाओ, अपने घर को सुंदर बनाओ। 

स्वच्छ भारत अभियान मिशन : Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

swachh bharat abhiyan essay in hindi

 

प्रस्तावना : स्वच्छ भारत अभियान, भारत में सरकार द्वारा आयोजित की गई सफल योजनाओं में से ही एक है। स्वच्छभारत अभियान जो अंग्रेजी में क्लीन इंडिया मिशन (CLEANLINESS INDIA MISSION) या फिर स्वच्छ भारत मिशन (SWACCH BHARAT MISSION) के नाम से भी जाना जाता है।

स्वच्छ भारत अभियान, भारत के सभी शहरों और गाँवों को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। भारत स्वतंत्र होने के साथ ही भारत को स्वच्छ बनाने के महात्मागांधी जी के सपने को भारत के पंत प्रधान श्री. नरेंद्र मोदी ने पूरा करने की ठान ली। इसी वजह से इस अभियान ओ 2 अक्तूबर यानी महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस पर शुरू किया गया।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है l 

2 अक्तूबर 2014 को भारत के पंत प्रधान श्री. नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान को राजघाट, नई दिल्ली में आधिकारिक रूप से शुरू किया गया था। स्वच्छ भारत अभियान को भारत का आज तक का सबसे बड़ा और सफल स्वच्छता अभियान माना जाता है।

इस अभियान में भारत के हर शहर और गांव समुदाय के करीबन 3 मिलियन सरकारी कर्मचारी तथा छात्रों ने भाग लिया था। स्वच्छ भारत अभियान को दो भागों में विभाजित किया गया था, जिसके नाम थे SBM – ग्रामीण और SBM- शहरी। यहाँ पर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण वित्त और पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय के अंतर्गत देखरेख की गई थी।

साथ ही शहरी हिस्सों में शहरी आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा अभियान की देखरेख की गई थी।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था, शहरी और ग्रामीण भागों में खुले में शौच का प्रतिबंध करना। सिर्फ यही नहीं, लेकिन इस अभियान के अंतर्गत रास्ते पर कचरा न करना, सार्वजनिक जगहों पर कचरा न करते हुए इनकी सफाई का विशेष ध्यान रखना भी शामिल थे।

स्वच्छताके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना,स्वच्छताके प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना भी इस अभियान एक प्रमुख लक्ष्य था। इस अभियान के अंतर्गत सरकार ने 2014 से 2019 के बीच 110 मिलियन शौचालयों का निर्माण किया। हालांकि की कई भारतीयों ने शौचालयों का इस्तेमाल करने से मना भी किया।

साथ ही लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए जबरदस्ती करना, इस दृष्टिकोण की आलोचना भी की गई। यहाँ तक कि कई घरों के सार्वजनिक बिजली और खाद्य अधिकारों के लाभ से वंचित करने की धमकी तक दी गई थी।

स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य। 

  1. खुले में शौच बंद करवाना जिसके तहत हर साल हजारों बच्चों की मौत हो जाती है।
  2. लगभग 11 करोड़ 11 लाख व्यक्तिगत, सामूहिक शौचालयों का निर्माण करवाना जिसमे 1 लाख 34 हजार करोड रुपए खर्च होंगे।
  3. लोगों की मानसिकता को बदलना उचित स्वच्छता का उपयोग करके।
  4. शौचालय उपयोग को बढ़ावा देना और सार्वजनिक जागरूकता को शुरू करना।
  5. गांवो को साफ रखना।
  6. (2019 तक सभी घरों में पानी की पूर्ति सुनिश्चित कर के गांवों में पाइपलाइन लगवाना जिससे स्वच्छता बनी रहे।
  7. ग्राम पंचायत के माध्यम से ठोस और तरल अपशिष्ट की अच्छी प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  8. (सड़के फुटपाथ ओर बस्तियां साफ रखना।
  9. साफ सफाई के जरिए सभी में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना।

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स्वच्छ भारत अभियान का प्रचार और योगदान l 

स्वच्छ भारत अभियान को शुरू करने के साथ ही इसके प्रचार की भी आवश्यकता थी। अभियान का प्रचार करने तथा इसमें शामिल होने वाले व्यक्ति को, स्वच्छताग्रही या फिर ‘एम्बेसडरऑफ क्लीनलिनेस‘ भी कहा गया था। इस अभियान का प्रचार न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों द्वारा किया गया, बल्कि भारत की बड़ी-बड़ी हस्तियों ने मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया था।

2014 में प्रियंका चोपड़ा, सलमान खान, अमिताभ बच्चन, विद्या बालन, कमल हसन जैसे बॉलीवुड के मशहूर एक्टर्स, सचिन तेंडुलकर, एम. एस. धोनी, विराट कोहली, सौरव गांगुली जैसे क्रिकेटर, शशि थरूर, मृदुला सिन्हा जैसे पॉलिटिशियन भी स्वच्छ भारत अभियान के साथ जुड़ गए थे।

साथ ही रामजी राव, अरुण पूरी, राजू श्रीवास्तवा, सुरेश रैना, कैलाश खेर, किरण बेदी, अखिलेश यादव, पद्मनाभ आचार्य, मनोज तिवारी, मोहम्मद कैफ ने भी स्वच्छ भारत अभियान के लिए अपना योगदान दिया था।

2017 से 2018 में शाह रुख खान, रवीना टंडन, जूही चावला, संजय दत्त, शिल्पा शेट्टी, शेखर गुरेरा ऐसे अन्य मशहूर नाम भी इस अभियान के साथ जुड़ गए थे। अनुष्का शर्मा और भारत के उपराष्ट्रपति एम. व्ही. नायडू ने आंध्र प्रदेश के बंदरगाह शहर को साफ करके अभियान के प्रति अपना योगदान दिया।

अक्तूबर 2014 में पंत प्रधान नरेंद्र मोदी जी ने इंडिया टुडे, मुंबई के डब्बे वाले और अन्य महत्वपूर्ण संगठनों को स्वच्छता अभियान के ब्रांड अंबेस्डर के रूप में घोषित किया। 2 अक्तूबर 2014 को राष्ट्रपति भवन में 1500 रनर्स के साथ एक मैरेथोन का आयोजन किया गया था।

धमतरी जिले के एक गांव में बसी कुंवर बाई यादव नाम की महिला ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए अपना योगदान देते हुए, अपनी सात बकरियों को बेचकर उनसे आए हुए पैसो से शौचालय बनाया और उसका उपयोग भी किया।

इस अभियान से प्रेरित एक संघटन ने एक रोबोट भी बनाया, जिसका उपयोग बेसेंट नगर बीच पर सफाई के लिए किया गया। स्कूल के शिक्षकों और छात्रों द्वारा ‘स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय’ अभियान को भी शुरू किया था।

स्वच्छ भारत अभियान का फण्ड l 

स्वच्छ भारत अभियान फण्ड की राशि करीबन 620 बिलियन रुपये इतनी है। एक ग्रामीण परिवार द्वारा निर्माण किए गए शौचालय के लिए सरकार 12000 रुपये के खर्च का प्रोत्साहन प्रदान करती है।

2016 के भारत के केंद्रीय बजट मिशन के लिए करीबन 90 बिलियन रुपयों को बांटा जा चुका था। विश्व बैंक ने 2016 में भारत की सार्वभौमिक स्वच्छता फण्ड का समर्थन करने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर्स का लोन और 25 मिलियन डॉलर्स की सहायता प्रदान की थी।

इस अभियान को विश्व बैंक द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी की पहल के रूप में निगमों, सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय मध्य शिक्षा अभियान योजनाओं के तहत राज्य सरकारों द्वारा फण्ड और तकनीकी सहायता भी मिली है।

स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी l 

स्वच्छ भारत मिशन एप का उपयोग लोगों और संगठनों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों पर निगरानी रखने के लिए किया जा रहा है। भारत सरकार विज्ञापनों के द्वारा भी अभियान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा कर रही है।

2014 में अभियान को शुरू करने से पहले भारत का स्वच्छता कवरेज 38.7% था, जो अभियान को शुरू करने के बाद 2017 में 65% था। अगस्त 2018 में भारत का स्वच्छता कवरेज 90% था। भारत के 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 699 जिलों और 6 लाख गाँवों को 25 सितंबर 2019 के दिन खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया।

शहर में स्वच्छताग्रहियों की संख्या बढ़कर 20 हजार हो गई और ग्रामीण भागों में काम करने वाले स्वच्छताग्रहियों की संख्या 1 लाख हो गई।

लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा प्रदान करने वाले स्कूलों की संख्या 37% से बढ़कर 91% हो गई है।

स्वच्छ भारत अभियान का प्रभाव l 

  •  स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित सुनीता देवी जी को झार खंड में शौचालय निर्माण के लिए 2019 में नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया था।
  • अगस्त 2017 में क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह साबित हुआ कि, स्वच्छ भारत अभियान की वजह से भारत में शौचालय का घरेलू उपयोग 62% से 91% बढ़ चुका है।
  • हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में 99% शौचालय के उपयोग के साथ सबसे ऊपर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहाँ है कि, भारत में स्वच्छ भारत अभियान के शुभारंभ के बाद कम से कम 180 हजार लोगों की डायरियां की वजह से होने वाली मौत टाल दी गई है।
  • 2018 में एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसे 2019 में प्रकाशित गया था। सर्वेक्षण के अनुसार 2018 तक 71% ग्रामीण परिवारों के पास शौचालय उपलब्ध हो चुके थे। जबकि सरकार 95% परिवारों के पास शौचालय होने का दावा करते हुए नजर आए।
  • हालांकि इससे पहले 2012 में हुए सर्वेक्षण की तुलना में, 40% सुधार का संकेत प्राप्त हुआ।

स्वच्छ भारत अभियान की आलोचना l 

स्वच्छ भारत अभियान दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता कार्यक्रम माना जाता है, जो विशेष रूप से दावा करता है कि लोगों ने खुले में शौच करना छोड़कर, शौचालय का उपयोग किया है।

साथ ही इस अभियान की वजह से लोगों में शौचालय का उपयोग करने के प्रति काफी बदलाव भी आया है। लेकिन वास्तव में इस अभियान ने खुले में शौच को इतनी तेजी से समाप्त नहीं किया है, जितना कि सरकार द्वारा दावा किया जाता है।

खुले में शौच को समाप्त करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था, लेकिन इसके लिए उपलब्ध फण्ड को सिर्फ शौचालय निर्माण की ओर मोड़ दिया गया।

हालांकि व्यवहार परिवर्तन पर ध्यान देना भी अभियान का लक्ष्य होने के बावजूद भी शिक्षा और जागरूकता पर फण्ड का सिर्फ 1% ही खर्च किया गया। फण्ड का कुछ हिस्सा रेडियो और टेलीविजन के विज्ञापनों के लिए भी खर्च किया गया था।

इसके अलावा खुले में शौच किया जा रहा है, या नहीं इसकी निगरानी अभियान द्वारा कभी भी नहीं की गई। शहरी और ग्रामीण मंत्रालयों द्वारा शौचालय बांधने पर ही ज्यादा ध्यान दिया गया।

स्वतंत्र सर्वेक्षणों द्वारा प्रकाशित किए गए रिपोर्ट की वास्तविकता सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षणों की रिपोर्ट से काफी अलग थी।

वास्तव में निर्मित शौचालयों की संख्या में वृद्धि हुई क्योंकि स्थानीय अधिकारियों को लक्ष्य को पूरा करने के लिए तीव्र दबाव का सामना करना पड़ा था। गांवों, जिलों, कस्बों और शहरों में भी शौचालय निर्माण के लक्ष्य प्राप्ति के आधार पर खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए लोगों पर जबरदस्ती भी की गई। यहाँ तक कि सबसिडी वाले अनाज को बंद करने और बच्चों की मुफ्त शिक्षा जैसी सेवाएँ बंद करने की धमकियां भी दी गई थी।

अनु सूचित जातियों जैसे वर्ग के लोगों को स्वछताग्रहियों द्वारा अपमानित भी किया गया, जबकि स्वच्छताग्रही भी स्थानीय लोग ही थे।

उपसंहार : 

स्वच्छ भारत अभियान की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, अपने उद्देश्यों के माध्यम से यह सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। पूरे विश्व में भारत की गणना सबसे गंदे देशों में होती है।

इस परिस्थिति में बदलाव लेन के लिए स्वच्छ भारत अभियान जैसे एक स्वच्छता अभियान की ही आवश्यकता थी। स्वच्छ भारत अभियान भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाने की बेहतरीन शुरुआत है।

अगर भारत के सभी नागरिक इस अभियान में हिस्सा ले, तो इसे जल्द नहीं सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। स्वच्छता के कारण भारत के पर्यटन क्षेत्र में भी ज्यादा विकास होगा।


स्वच्छ भारत अभियान – SHORT MOVIE 

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महात्मा गांधी द्वारा कहे गए यह कथन जोकि स्वच्छता पर ही आधारित है। उनके अनुसार स्वच्छता की जागरूकता की मशाल सभी में पैदा होने चाहिए इसके तहत स्कूलों में भी स्वच्छ भारत अभियान के कार्य होने लगे हैं

स्वच्छता से ना केवल हमारा तन साफ रहता है । हमारा मन भी साफ रहता है। स्वच्छ भारत अभियान की मशाल आज हमारे पूरे भारत के लिए आवश्यक है जिसके तहत कई कार्य किये जा रहे है। – महात्मा गांधी

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1 thought on “स्वच्छ भारत अभियान (मिशन ) पर निबंध”

  1. आपके द्वारा लिखे हुए सभी पोस्ट बहुत ही काम के और हेल्पफुल होते है और आपके लेख को पढ़कर समझना भी बहुत आसान होता है. में अक्सर आपके ब्लॉग को पढ़ती हूँ और आपके द्वारा लिखा हुआ पोस्ट मेरी समझ में आसानी से आता है जिसे में अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करती हु

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