भारत एक धार्मिक देश है, जहाँ पर अनेक धर्मों और समुदायों के लोग निवास करते है। लेकिन, हिन्दू धर्म के लोगों की यहाँ पर अधिकता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष में बहुत से त्योंहार आते है। इन्हीं त्यौहारों में से एक त्योंहार है, जिसका नाम है:- होली।
होली एक धार्मिक त्योंहार है। इस त्योहार को सम्पूर्ण भारत में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। होली के त्योहार को “रंगों के उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको होली पर निबंध के बारे में बताएंगे।
होली का पर्व वैसे तो सम्पूर्ण विश्व में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन भारत देश में इस पर्व की बहुत ही ज्यादा मान्यता है। यह पर्व हिन्दू धर्म के सबसे पुराने पर्वों में से एक है। होली के त्योंहार को एक सप्ताह पहले से ही लोग मनाने लग जाते है।
होली का पर्व “रंगों” का पर्व है। इस दिन लोग एक दूसरे को रँग-गुलाल लगते है। इस दिन वह एक दूसरे से गले मिलते है। होली के दिन होलिका दहन भी की जाती है। आपको इस आर्टिकल में होली के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। तो चलिए दोस्तों, शुरू करते है
होली पर निबंध : Essay on Holi in Hindi
प्रस्तावना
होली एक ऐसा त्योंहार है, जो कि बसंत ऋतु में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग रंग-ग़ुलाल के साथ मज़े करते है। भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार होली का पर्व एक बहुत ही प्राचीन पर्व है।
यह त्योंहार फ़ाल्गुन माह में मनाया जाता है। यह त्योंहार प्रेम व सद्भावना का प्रतीक है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग-ग़ुलाल लगते है और सभी गिले-शिक़वे भूलकर आपस में गले मिलते है।
होली क्यों मनाई जाती है
प्राचीन समय में एक दुष्ट राजा हुआ करता था, जिसका नाम हिरण्यकश्यप था। उसकी एक दुष्ट बहन भी थी, जिसका नाम “होलिका” था। होलिका अपने भाई के पुत्र “प्रह्लाद” को आग में जलाना चाहती थी। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे। भगवान विष्णु की कृपा के कारण प्रह्लाद तो आग से बच गए.
लेकिन होलिका आग में जल कर मर गयी। तो कुछ इस प्रकार से हिन्दू धर्म में होली पर्व मनाने की शुरूआत हुई। इस दिन को हिन्दू धर्म के लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते है।
होलिका दहन
होली का यह पावन पर्व फ़ाल्गुन माह के आख़िरी दिन “होलिका दहन” की शाम के साथ शुरू होता है। इसके अगला दिन “धुलण्डी” होता है। इस दिन का इंतजार सभी को बहुत ही बेसब्री से होता है। धुलण्डी के दिन सभी एक-दूसरे को रंग व ग़ुलाल लगाते है।
Holi के दिन सड़क के चौराहे पर होलिका दहन किया जाता है। सभी लोग एक जगह इकट्ठा होकर होलिका दहन करते है। इस समय महिलायें गीत गाती है। चारों तरफ बहुत ही प्रसन्नता वाला माहौल होता है।
होली कैसे मनाई जाती है
दोस्तों, होली मनाने के लिए आपको सिर्फ़ रंग की आवश्यकता होती है। प्राचीन समय में होली ग़ुलाल के साथ मनाई जाती थी। किन्तु, आज के समय में कैमिकल वाले रंग बाज़ार में आ गए है। लोग इन्हीं प्रकार के रंगों का उपयोग करते है।
लेकिन दोस्तों, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इन रंगों की बहुत हानियां है। ये आपके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी उचित नही है। इन रंगों के इस्तेमाल से आपकी जान भी जा सकती है। इसलिए मैं आप सभी होली ग़ुलाल से खेलने की ही सलाह दूंगा।
निष्कर्ष
होली के पर्व को सम्पूर्ण भारत में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। यह हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते है।
सभी लोग इस दिन अपने मित्रो व परिवारजनों के साथ होली खेलते है तथा एक-दूसरे को रँग व ग़ुलाल लगते है। होली का पर्व प्रेम व सद्भावना का प्रतीक है। हम सभी को सिर्फ ग़ुलाल के साथ ही होली खेलनी चाहिए।