Mahatma Gandhi essay nibandh in hindi

महात्मा गांधी पर निबंध महात्मा गांधी का योगदान और विरासत

मोहनदास करमचंद गांधी एक भारतीय वकील, उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी और राजनीतिक नैतिकतावादी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए अहिंसक प्रतिरोध को नियोजित किया और बदले में दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए प्रेरित आंदोलनों को प्रेरित किया।

महात्मा गांधी पर छोटे-बडें निबंध – (Short and Long Essay (Nibandh) on Mahatma Gandhi in Hindi Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 10)

100 , 200, 300 , 400 , 500 Word

प्रस्तावना : महात्मा गांधी को ‘फादर ऑफ नेशन’ कहा जाता है। 2 अक्टूबर 1869 में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ  1930 में उन्होंने दांडी मार्च और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की।

दक्षिण अफ्रीका का पीटरमारित्जबर्ग रेलवे स्टेशन ही वह जगह थी, जहां से गांधी के भीतर अहिंसा का बीज पनपा। 7 जून 1893 को मोहनदास करमचंद गांधी रेलगाड़ी से डरबन से प्रिटोरिया जा रहे थे

प्रारम्भिक जीवन

मोहनदास करमचन्द गान्धी का जन्म पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर नामक स्थान पर २ अक्टूबर सन् १८६९ को हुआ था।

उनके पिता करमचन्द गान्धी सनातन धर्म की पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे और ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत (पोरबंदर) के दीवान अर्थात् प्रधान मन्त्री थे।

कम आयु में विवाह

मई 1883 में साढे 13 वर्ष की आयु पूर्ण करते ही उनका विवाह 14 वर्ष की कस्तूर बाई मकनजी से कर दिया गया। पत्नी का पहला नाम छोटा करके कस्तूरबा  कर दिया गया और उसे लोग प्यार से बा कहते थे।

यह विवाह उनके माता पिता द्वारा तय किया गया व्यवस्थित बाल विवाह था जो उस समय उस क्षेत्र में प्रचलित था। परन्तु उस क्षेत्र में यही रीति थी कि किशोर दुल्हन को अपने माता पिता के घर और अपने पति से अलग अधिक समय तक रहना पड़ता था।

विदेश में शिक्षा व विदेश में ही वकालत

अपने 19वें जन्मदिन से लगभग एक महीने पहले ही 4  सितम्बर 1888 को गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये इंग्लैंड चले गये।

भारत छोड़ते समय जैन भिक्षु बेचारजी के समक्ष हिन्दुओं को मांस, शराब तथा संकीर्ण विचारधारा को त्यागने के लिए अपनी अपनी माता जी को दिए गये एक वचन ने उनके शाही राजधानी लंदन में बिताये गये समय को काफी प्रभावित किया।

हालांकि गांधी जी ने अंग्रेजी रीति रिवाजों का अनुभव भी किया जैसे उदाहरण के तौर पर नृत्य कक्षाओं में जाने आदि का।

Read : दिवाली पर निबंध

गांधी जी द्वारा चलाए गए आंदोलन कौन कौन से हैं ?

1906 में ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह अभियान चलाया। 1920 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 26 जनवरी 1930 को ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी का ऐलान किया। इसके बाद 1917 में उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन जैसे कई आदोंलन चलाए

चंपारण सत्याग्रह 

बिहार के चंपारण महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह पहला सत्याग्रह था। 1917 में बिहार के चंपारण पहुंचकर खाद्यान के बजाय नील एवं अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए बाध्य किए जाने वाले किसानों के समर्थन में सत्याग्रह किया।

असहयोग आंदोलन 

रॉलेट सत्याग्रह की सफलता के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया। 1 अगस्त 1920 को शुरू हुए इस आंदोलन के तहत लोगों से अपील की कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ असहयोग जताने को स्कूल, कॉलेज, न्यायालय न जाएं और न ही कर चुकाएं।

नमक सत्याग्रह 

इस आंदोलन को दांड़ी सत्याग्रह भी कहा जाता है। नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला।

दलित आंदोलन 

1932 में गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की और इसके बाद 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन करते हुए हरिजन आंदोलन में मदद के लिए 21 दिन का उपवास किया।

भारत छोड़ो आंदोलन 

ब्रिटिश शासन के खिलाफ़यह गांधी जी का तीसरा बड़ा आंदोलन था। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। हालांकि, इसके तुरंत बाद गिरफ्तार हुए पर युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फोड़ के जरिए आंदोलन चलाते रहे।

महात्मा गांधी के सिद्धान्त

सत्य और अहिंसा: गांधीवादी विचारधारा के ये 2 आधारभूत सिद्धांत हैं। गांधी जी का मानना था कि जहाँ सत्य है, वहाँ ईश्वर है तथा नैतिकता – (नैतिक कानून और कोड) इसका आधार है।

अहिंसा का अर्थ होता है प्रेम और उदारता की पराकाष्ठा। गांधी जी के अनुसार अहिंसक व्यक्ति किसी दूसरे को कभी भी मानसिक व शारीरिक पीड़ा नहीं पहुँचाता है।

गांधीवाद क्या हैं ?

गाँधीवाद महात्मा गाँधी के आदर्शों, विश्वासों एवं दर्शन से उदभूत विचारों के संग्रह को कहा जाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं में से थे। यह ऐसे उन सभी विचारों का एक समेकित रूप है जो गाँधीजी ने जीवन पर्यंत जिया था

निष्कर्ष : महात्मा गांधी एक मजबूत चरित्र वाले आदमी थे। वह भारत की आज़ादी के लिये ऐसी कोई भी विधि नही अपनाना चाहते थे जिनसे उनकी अंतरआत्मा को ठेस पहुचे। इसीलिए उन्होंने भारत को आज़ाद करवाने के लिये हिंसा का सहारा न लेते हुए अहिंसा का सहारा लिया था। हमें भी उसी तरह अपने लक्ष्य को पाने के लिए एक नैतिक मार्ग का सहारा लेना चाहिये।

महात्मा गांधी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q1 . गांधी जी भारत कब वापस आये ?

Ans : सबसे पहले गान्धी जी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना आरम्भ किया। 1915 में उनकी भारत वापसी हुई।

Q2 . महात्मा गांधी के बचपन का नाम क्या था ?

Ans : गांधी परिवार में बच्चों को घरेलू नामों से पुकारने का प्रचलन था। पितामह ओता गांधी और पिता कबा गांधी के नाम से पुकारे जाते थे। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कर्मचंद गांधी ने अपने बच्चों के घरेलू नाम रखे थे। मोहनदास का घरेलू नाम मोनिया रखा गया।

Q 3. गांधी जी के पिता का उपनाम क्या था ?

Ans : करमचंद गांधी

Q4 . महात्मा गांधी की पत्नी का नाम क्या है ?

Ans : कस्तूरबा गांधी

Q5. महात्मा गांधी के कितने बेटे हैं ?

Ans : महात्मा गांधी के 4 बेटे हरीलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी और मनीलाल गांधी थे. हरीलाल गांधी के सबसे बड़े बेटे थे. उनका जन्म साल 1888 को नई दिल्ली में हुआ था और उनका देहांत 18 जून को 1948 को हुआ

Rate Now

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Pin It on Pinterest

Scroll to Top