दोस्तों हवामहल राजस्थान राज्य के जयपुर ज़िले में स्थित है। जो व्यक्ति बहुत ज्यादा घूमते है, जिनको नयी-नयी जगहों के बारे में जानने की रूचि है या फिर जिन्हें घुमना पसंद है, तो आज का यह आर्टिकल उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है। आपको इससे बहुत कुछ रखने को मिलेगा। इसलिये मेरा आपसे अनुरोध है कि आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
जैसा कि आप सभी जानते है कि भारत अपने पर्यटन स्थलों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। भारत में बहुत से ऐसे प्राचीन मंदिर, महल, किले है, जिनसे भारत के इतिहास का पता चलता है। आज हम आपको एक ऐसे ही स्थान के बारे में बताने जा रहे है जो कि अपनी सुंदरता व संरचना के लिए भारत में ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। जिसका नाम है – Hawa Mahal तो चलिये शुरू करते है:- Hawa Mahal History in Hindi
हवामहल का इतिहास
दोस्तों हवामहल, राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है। जयपुर को हम सभी गुलाबी नगरी से भी जानते है, और आप सभी को यह तो पता ही होगा कि हम सभी जयपुर को गुलाबी नगरी क्यों कहते है ?
अगर आपको नही पता तो कोई बात नही, हम बता देते है। दोस्तों, पूरे जयपुर शहर में घर, मंदिर, महल आदि सभी गुलाबी रंग से रंगे हुए है। इससे पूरा जयपुर शहर गुलाबी दिखाई देता है, इसीलिए जयपुर शहर गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है।
हवामहल भी गुलाबी रंग से रंगा हुआ है। हवामहल का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने सन 1798 ईस्वी में करवाया था। हवामहल की रूपरेखा भगवान कृष्ण के मुकुट के भाँति ही तैयार की गई है।
इसकी रूपरेखा प्रसिद्ध वास्तुकार लाल चंद उस्ताद ने तैयार की थी। बिना किसी आधार के हवामहल दुनिया का सबसे ऊँचा महल है। हवामहल को “Palace of Winds” के नाम से जाना जाता है।
हवामहल की बनावट व संरचना
महल के ऊपरी सिरा राजा के मुकुट के भाँति बना हुआ है। इस महल की ऐसी अद्भुत रूपरेखा प्रसिद्ध वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा तैयार की गयी थी। हवामहल एक 5 मंजिला ईमारत है।
इसकी सबसे ऊपरी मंजिल तो केवल डेढ़ फ़ुट चौड़ी है। अगर हम हवामहल को बाहर से देखते है, तो यह महल किसी मधुमक्खी के छत्ते के जैसा दिखाई देता है।
हवामहल की सबसे खास बात यह है कि इसमें कुल 953 खिड़कियां है। यह छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां बहुत ही सुंदर व आकर्षक है। इन खिड़कियों को झरोखे कहे जाते है।
कहा जाता है कि हवामहल में अनेकों जालीदार खिड़कियों को बनाने की रूपरेखा सोच-समझकर तैयार की गयी थी। ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि राजस्थान के राजपूती राजघरानों की महिलाएं किसी को सामने से नही देखती थी। राजघरानों की महिलाएं परम्परागत “पर्दा प्रथा” के नियम की पालना करती थी।
राजपूती महिलाएं महल के बाहर हो रही सभी गतिविधियों को देख सके, इसलिए हवामहल में अनेकों जालीदार खिड़कियों का निर्माण किया गया था। हवामहल की इन जालीदार खिड़कियों की सबसे खास बात यह है कि इनमें से हमेशा, यहां तक कि गर्मियों में भी ठंडी हवामहल में आती रहती है, और यहां का माहौल शीतल रहता है।
इन खिड़कियों में खूबसूरत नक्काशी का प्रयोग हुआ है, जिनमें कँगूरे व गुम्बद बने हुए है। हवामहल, जयपुर शहर के बिल्कुल बीच में स्थित है। इसे लाल चुना व बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।
देखा जाए तो हवामहल सिटी पैलेस से जुड़ा हुआ है, जो कि महिलाओं के कमरों तक जाता है। प्रातःकाल में सूर्य के प्रकाश के सामने यह महल बहुत ही खूबसूरत व कला के अनूठा संगम के समान दिखाई देता है।
सिटी पैलेस से सीधा ही हवामहल के शाही द्वार से प्रवेश कर सकते है। यह द्वार एक बहुत बड़े आँगन तक जाता है। इस दरवाज़े के तीनों तरफ़ 2 मंजिला इमारतें है। City Palace के पूर्व दिशा की तरफ़ हवामहल स्थित है।
हवामहल में एक बहुत पुराना संग्रहालय भी स्थित है। हवामहल की बहुत खूबसूरत आकृति के कारण यह हवामहल सवाई जय सिंह का सबसे पसंदीदा स्थान था। यहाँ पर जय सिंह आराम किया करते थे।
हवामहल की कुल ऊंचाई 50 फ़ीट (15 मीटर) है। यह महल एक 5 मंजिला ईमारत है। हवामहल की ऊपरी 3 मंजिलें तो इतनी छोटी है कि इनकी चौड़ाई सिर्फ एक कमरें के जितनी ही है।
इसके अलावा नीचे वाली 2 मंजिलों के ठीक सामने एक खुला आँगन है। यह आँगन महल के पीछे स्थित है। हवामहल का सामने का भाग सड़क से देखा जा सकता है। हवामहल अनूठी कलाकृति का एक बेजोड़ संगम है।
इसमें बहुत से अर्द्ध-अष्टभुजा की आकृति के समान झरोखें बने हुए है। इससे हवामहल सम्पूर्ण विश्वभर में प्रसिद्ध है। महल के अंदर पीछे की ओर अनेक कमरें मौजूद है। इन कमरों में ख़म्भे व गलियारें भी मौजूद है और ये कमरें महल के ऊपर तक इसी प्रकार से है।
वास्तुकार लाल चंद उस्ताद
लाल चंद उस्ताद प्राचीनकाल का एक प्रसिद्ध वास्तुकार था। जिसने हवामहल की आकृति तैयार की थी। इन्होंने हवामहल की शिल्पकला व वास्तुकला को अनूठा संगम प्रदान किया है।
लाल चंद उस्ताद ने जयपुर की शिल्पकला व वास्तुकला की रूपरेखा को भी तैयार किया था। हवामहल का पिछला भाग बिल्कुल Simple है। हवामहल की वास्तुकला शैली में हिन्दू व मुग़ल शैली का अनूठा संगम है।
हवामहल की देखभाल व मरम्मत
हवामहल की देखभाल राजस्थान राज्य का पुरातात्विक विभाग द्वारा किया जाता है। सन 2005 ईस्वी में लगभग 50 वर्षों बाद इस महल की बहुत अधिक मरम्मत की गयी थी। इस मरम्मत कार्य में लगभग 45679 लाख रुपये लगे थे। आज के समय में हवामहल की देखरेख की बात की जाए तो कुछ ऐसी संस्थायें है, जो कि महल के रखरखाव की जिम्मेदारी को समझ रही है।
फ़िलहाल आज के समय में “Unit Trust of India” ने हवामहल का सम्पूर्ण जिम्मा अपने ऊपर ले रखा है। तो दोस्तों, यह था व इसकी Architecture के बारे में सम्पूर्ण जानकारी। मैंने आप सभी को हवामहल के बारे में सब कुछ बता दिया है। आशा करता हूँ कि यह आपको जरूर पसन्द आया होगा।
हवामहल कैसे पहुँचे
अगर आप जयपुर घूमना चाहते है या फिर हवामहल देखना चाहते है। लेकिन आपको यह पता नही है कि आप यहाँ कैसे पहुंच सकते है तो, आपको जरा भी टेंशन लेने की जरूरत नही है।
क्योंकि हम आपका पूरा मार्गदर्शन करेंगे। आप यहाँ हवाई जहाज, रेलगाड़ी व बस किसी भी प्रकार से यात्रा कर सकते है। अगर आप सड़क मार्ग से यहां आना चाहते है तो आप जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के द्वारा यहाँ आ सकते है। इसके अलावा आप यहाँ हवाई जहाज से भी आ सकते है। जयपुर से 7 किलोमीटर दूर ही हवाई अड्डा स्थित है। आप रेलगाड़ी के द्वारा भी आ सकते है। रेलवे स्टेशन, जयपुर से 5 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।
हवाई अड्डा | जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
---|---|
बस स्टेशन | सिंधी कैम्प, जयपुर |
रेलवे स्टेशन | जयपुर जंक्शन |
विश्रामगृह
आप यहाँ होटल, धर्मशाला व अतिथि-गृह में रूक सकते है। आपके बजट के अनुसार सभी प्रकार के विश्रामगृह मौजूद है।
Hawa Mahal Entry Fee (प्रवेश शुल्क)
भारतीय निवासी | 20 रुपये |
---|---|
विदेशी पर्यटक | 50 रुपये |
कैमरा शुल्क (भारतीय) | 10 रुपये |
कैमरा शुल्क (विदेशी) | 30 रुपये |
हवामहल में प्रवेश-समय अवधि | 1 – 2 घण्टे |
Hawa Mahal Entry Timings (प्रवेश समय): 9:30 A.M. – 4:30 P.M.
हवामहल जाने का सबसे अच्छा समय : अक्टूबर – मार्च
हवामहल का पता
हवामहल के आसपास के आकर्षण
- City Palace
- Jantar Mantar
- Govind Dev ji Temple
- Jal Mahal
हवामहल पहुँचने के साधन
महल तक आप आसानी से किसी भी ऑटो-रिक्शा या बस के माध्यम से पहुँच सकते है।
हवामहल जाते समय आवश्यक निर्देश व चेतावनी
दोस्तों अगर आप हवामहल जा रहे है या फिर जाना चाहते है तो आपको वहाँ शीत ऋतु में जाना चाहिए। गर्मियों में नही जाना चाहिए।