mahatma gandhi poem in hindi

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर 5 बेहतरीन कविताये

महात्मा गांधी के अवसर पर स्कूलों में या कॉलेजों में स्पीच या भाषण का समारोह होता है जिसके अंदर विद्यार्थी महात्मा गांधी के ऊपर कविताएं या स्पीच बोलते हैं तो अगर आप भी महात्मा गांधी के ऊपर कविताएं खोज रहे हैं

तो आज इस आर्टिकल में हम आपको महात्मा गांधी के ऊपर 5 बेहतरीन कविताएं बताने जा रहे हैं जिनका उपयोग आप अपने स्पीच में कर सकते हैं

5 Mahatma Gandhi Poem / Poetry / Kavita in Hindi

(1)

काव्य गीत – हे बापू मेरे

हे बापू मेरे, हे बापू मेरे

तेरे होने से आजादी मिली है
जो तु ना होता आजादी नहीं है
हे बापू मेरे, हे बापू मेरे

तूने ही दिलाई है
सदियाँ रोशन की
ये जो तेरी लाठी है
लायी आजादी मौसम की
यहाँ तेरा नाम अमर है
यह तेरी है जमीं है
हे बापू मेरे ………

तु लाया तोड़कर
स्वाभिमान की गलियां
होकर तूने न्योछावर
खिलाई हंसी की कलियाँ
जहां पड़े तेरे कदम
तु बस गया वहीं है
हे बापू मेरे ………….

दिया तूने आजाद भारत
आंदोलन कर करके
दूर भगाये विदेशी
तुने डटकर के
तु करोड़ों में है एक
तुझसा कोई नहीं है
हे बापू मेरे ………


(2)

राष्ट्रपिता जो कहे जाते है,
प्यार से बापू उन्हें बुलाते हैं।
जिन्होंने देश को आज़ाद कराया।
सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
महात्मा गांधी वो कहलाते हैं।

उन्होंने विलास को छोड़कर,
अपना जीवन देश की आज़ादी में लगाया।
विदेषी कपड़ों को त्याग कर उसने ।
देशी का महत्व समझाया।

कई आंदोलन और सत्याग्रह किये।
अंग्रेजों से लड़ने के लिए,
लोगों को अपने साथ किये,
देश को आज़ाद कराने के लिए।

सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर।
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
अपना तन मन धन सब कुछ सौंप दिया
अपने आपको पूरा झोंक दिया।
अंत तक लड़ी लड़ाई देश को आज़ादी दिलायी.


(3)

एक थे लाल और एक थे बापू ,
कहाँ हैं अब ऐसे लाल और बापू ,
दोनों ने जीवन ,सर्वस्व किया ,नौछावर ,
अपनी इस जननी की खातिर ,
आओ मिलकर दिया जलाएं ,
जन्मदिन उनका मनाएँ ,
सुख ,समृधि का जो देखा उन्होंने सपना ,
उसको पूरा करने का क्योँ न ले प्रण अपना |
प्यारे बापू प्यारे शास्त्री जी ,
धन्यभाग हमारे ,
जो हम इस धरती पर आए ,
जहां ऐसे कर्णधार हमने हैं पाये |
अपने कर्मठ अमर सपूतों को ,
उनके पसीने की एक एक बूंदों को
क्योँ न याद करे हम दोनों को ,
भावबिह्वलहोकर दोनों को
इस धरा के अमर सपूतों को ,
एक ने बोला जय जवान -जय किसान ,
दूसरे बोले रघुपति राघव राजा राम
दोनों की थी एक ही बोली ,
देश हमारा खेले होली(रंगों की),
क्योँ न बोलें हम ये आज ,
भारत ,बन जाए हम सबकी शान


(4)

जन्मदिवस बापू का आया
सारे जग ने शीश नवाया

यह जीवन की शिक्षा का दिन
पावन आत्मपरीक्षा का दिन
मानवता की इच्छा का दिन
जगती का कण-कण हर्षाया
जन्मदिवस बापू का आया

जिसने खुशियाँ दी जीवन को
कोटि-कोटि दलित जनों को
सरल कर दिया जीवन रण को
ऊँच-नीच का भेद मिटाया
जन्मदिवस बापू का आया
जन्मदिवस बापू का आया

सत्य प्रेम का पथ अपना कर
क्षमा, कर्म के भाव जगा कर
स्वर्ग उतारा था वसुधा पर
युग का था अभिशाप मिटाया
जन्मदिवस बापू का आया

आज तुम्हारी मीठी वाणी
गूँज रही जानी पहचानी
अमर हुए तुम जीवन-दानी
घर-घर नव प्रकाश लहराया
जन्मदिवस बापू का आया

तुमने अपना आप गँवाकर
दानवता के बाग़ मिटाकर
सबके आगे माथ झुकाकर
मानवता का मान बढाया
जन्मदिवस बापू का आया


(5)

बापू महान, बापू महान!
ओ परम तपस्वी परम वीर
ओ सुकृति शिरोमणि, ओ सुधीर
कुर्बान हुए तुम, सुलभ हुआ
सारी दुनिया को ज्ञान
बापू महान, बापू महान!!
बापू महान, बापू महान
हे सत्य-अहिंसा के प्रतीक
हे प्रश्नों के उत्तर सटीक
हे युगनिर्माता, युगाधार
आतंकित तुमसे पाप-पुंज
आलोकित तुमसे जग जहान!
बापू महान, बापू महान!!
दो चरणोंवाले कोटि चरण
दो हाथोंवाले कोटि हाथ
तुम युग-निर्माता, युगाधार
रच गए कई युग एक साथ ।
तुम ग्रामात्मा, तुम ग्राम प्राण
तुम ग्राम हृदय, तुम ग्राम दृष्टि
तुम कठिन साधना के प्रतीक
तुमसे दीपित है सकल सृष्टि ।


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