CGST,SGST,IGST, UTGST

IGST, SGST, CGST और UTGST ये सभी Taxes क्या हैं ?

Friends इस Blog के माध्यम से मैं आपको CGST, SGST , IGST  और UTGST के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं। तो दोस्तों यदि आप जानना चाहते हैं कि ये सभी Taxes क्या हैं ? इन Taxes को किस प्रकार लगाया/वसूला जाता है, इत्यादि के लिए हमारा यह Blog पूरा व अंत तक अवश्य पढ़े।

GST क्या है : What is GST

दोस्तों CGST,SGST,IGST और UTGST ये सभी Taxes GST (Goods And Service Tax) के ही Parts हैं, जो अलग-अलग स्तरों पर केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लगाए/वसूले जाते हैं।

इन सभी Taxes को जानने से पहले जानने से पहले, चलिए हम यह समझ लेते हैं कि भारत में कर व्यवस्था कार्य कैसे करती है? चूंकि भारत एक संघीय देश है, इस कारण केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को ही कार्य करते रहने के लिए वित्त की आवश्यकता होती है और Taxes ही इनके वित्त का प्रमुख स्रोत है। इन Taxes से प्राप्त हुए धन से सरकार सभी सार्वजनिक कार्यों को अंजाम देती है।

वैसे देखा जाए तो वसूले जाने वाले Taxes को बड़े स्तर पर दो भागों में विभाजित किया गया है: प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) और अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)।

  1. Direct Tax : किसी व्यक्ति की आय पर लगाया जाने वाला कर, प्रत्यक्ष कर कहलाता है। इसमें कर देय की राशि व्यक्ति द्वारा विभिन्न स्त्रोतों जैसे वेतन, घर को किराये पर देने, संपत्तियों को बेचने से प्राप्त आय आदि द्वारा अर्जित आय पर निर्भर करती है।इस कारण, आपकी आय जितनी अधिक होगी, आपको उतना ही अधिक कर के रूप में सरकार को भुगतान करना पड़ता हैं, अर्थात् हम यह कह सकते हैं कि गरीबों की तुलना में अमीरों को अधिक कर का भुगतान करना पड़ता है।
  1. Indirect Tax : वहीं अप्रत्यक्ष कर सीधे व्यक्तियों की आय पर न लगाकर, यह वस्तुओं (Goods) और सेवाओं (Services) पर लगाया जाता है, जिसके कारण वस्तुओं और सेवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में वृद्धि होती है।प्रत्यक्ष कर के विपरीत, अप्रत्यक्ष कर अंतिम ग्राहक अर्थात् ऐसा ग्राहक जो उस वस्तु या सेवा का उपभोग करता है, के द्वारा वहन किया जाता है तथा इसमें अमीर और गरीब का कोई भेद नहीं होता। भारत में GST लागू होने से पूर्व केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनेकों अप्रत्यक्ष कर लगाये जाते थे, जिसके कारण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था बहुत ही जटिल हो गई थी।

अब आप समझ गए होंगे कि भारत में GST लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। चलिए अब हम समझ लेते हैं कि GST के ये अलग-अलग Types कैसे लागू होते हैं ?

TYPES OF GST

GST लागू होने के पहले केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा 17+ अप्रत्यक्ष कर वसूले जाते थे, जिसके कारण उपभोक्ता और व्यापारी बहुत अधिक Confuse होते थे तथा उनके समय की भी बहुत अधिक खपत होती थी। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए One Nation One TaxScheme के तहत GST को लाया गया

जो कि 1 जुलाई 2017 को प्रभावी ढंग से लागू हुआ। जिसमें वस्तुओं और सेवाओं को कर संग्रह के लिए पांच अलग-अलग Tax Slabs 0%, 5%, 12%, 18% और 28% में विभाजित किया गया है।

लेकिन GST को भी चार अलग-अलग भागों में उप-विभाजित किया गया है, जो निम्न प्रकार से हैं:-

  1. CGST 
  2. SGST 
  3. IGST
  4. UTGST

इन Taxes को जानने से पहले हम यह जान लेते हैं कि किसी लेन-देन पर कौनसा Tax लगाया जाता है? तो दोस्तों इसका निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि जो लेन-देन हुआ वह अंतरराज्यीय (Inter-state) है या राज्यान्तरिक (Intra-state) है?

  • Inter-state Transaction : जब किसी लेन-देन में Supplier और Supply का स्थान एक ही राज्य में होता है, तब ऐसे Transaction अंतरराज्यीय लेन-देन के अन्तर्गत आते हैं तथा उनपर CGST और SGST दोनों Tax लगते हैं। अंतरराज्यीय लेन-देन में आयात (Import), निर्यात (Export) और सेज क्षेत्रों से हुए सौदे भी शामिल होते हैं। इनमें ध्यान देने वाली बात यह है कि CGST और SGST Tax का योग कभी भी 28% से अधिक नहीं हो सकता।
  • Intra-state Transaction : जबकि राज्यान्तरिक लेन-देन में ऐसे Transaction शामिल किए गए हैं, जिनमें वस्तुओं या सेवाओं का लेन-देन किन्हीं दो राज्यों के मध्य होता है अर्थात् इसमें माल के Supplier का राज्य अलग और Supply का स्थान अलग राज्य में होता है। ऐसे Transactions पर IGST Tax Applicable होता है, जो कि सीधे तौर पर केन्द्रीय सरकार को देय होगा।

CGST,SGST,IGST, UTGST

CGST क्या है : WHAT IS CGST 

CGST Full FormCentral Goods And Service Tax

CGST जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह Tax केन्द्रीय सरकार द्वारा अंतरराज्यीय लेन-देन पर लगाया/वसूला जाता है। C-GST ने केन्द्र सरकार के पूर्व अप्रत्यक्ष करों जैसे Excise Duty, Export Duty, CST, SAD आदि करों को Replace कर दिया है। CGST और SGST का Rate लगभग समान ही रहता है, उदाहरण के तौर पर कोई वस्तु अंतरराज्यीय लेन-देन के अन्तर्गत आती है और उस पर लगा Tax 18% है तो उसमें 9% CGST और 9% SGST सम्मिलित होता है।

SGST क्या है : WHAT IS SGST  

SGST Full Form –  State Goods and Service Tax

SGST Tax राज्य की सरकारों द्वारा अंतरराज्यीय लेन-देन पर लगाया/वसूला जाता है। SGST ने राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं व सेवाओं पर लगये जाने वाले विभिन्न अप्रत्यक्ष करों जैसे VAT, Entry Tax, Luxury Tax, Cesses और Surcharges को Replace किया है।

IGST क्या है : WHAT IS IGST

IGST Full Form : Integrated Goods and Service Tax

IGST एकत्र करने का काम केन्द्र सरकार का होता है, लेकिन IGST केंद्र व राज्य दोनों सरकारों द्वारा लगाया जाता है। फिर केंद्र सरकार कर एकत्र होने के बाद, पूर्व-निर्धारित केंद्र और राज्यों के मध्य हुए अनुबंध के तहत कर का कुछ हिस्सा राज्यों को देती है। IGST का Rate, CGST और SGST Rates के योग के बराबर होता है।

UGST क्या है : WHAT IS UGST

UGST Full Form : Union Territory Goods and Services Tax

UTGST देश के केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा वसूला/लगाया जाता है। यह Tax SGST के समान ही है, इस कारण यह केंद्र-शासित प्रदेश के अन्दर होने वाले वस्तुओं और सेवाओं के पर लागू होता है। वर्तमान में भारत में कुल 8 केंद्र-शासित प्रदेश है, जो निम्न प्रकार से हैं:-

  1. NATIONAL CAPITAL TERRITORY OF DELHI
  2. ANDAMAN & NICOBAR
  3. CHANDIGARH
  4. DADRA & NAGAR HAVELI And DAMAN & DIU
  5. JAMMU & KASHMIR
  6. LADAKH
  7. LAKSHADWEEP
  8. PUDUCHERRY (PONDICHERRY)

GST Easy Explanation

 
दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि यदि UGST, SGST के समान ही है तो फिर सरकार ने इनमें SGST को ही लागू क्यों नहीं किया, उनके लिए एक अलग से UGST लाने की क्या आवश्यकता थी? तो दोस्तों इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि केंद्र-शासित प्रदेशों में स्वयं की सरकार नहीं होती

जबकि SGST को लागू करने के लिए वहां की विधानसभा से पारित होना Compulsory होता है। चूंकि NATIONAL CAPITAL TERRITORY OF DELHI और PUDUCHERRY (PONDICHERRY) की स्वयं की विधानसभाएं है, इस कारण इनमें SGST को लागू किया जा सकता है।

आशा करते हैं Friends की आपको हमारे द्वारा GST के बारे मे लिखा गया Blog पसंद आया होगा। यदि हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने Friends व Social Media Sites पर Share ज़रूर करें और यदि आपके मन में GST से संबंधित कोई सवाल उठ रहा है तो आप Comment करके पूछ सकते हैं तथा भविष्य में ऐसी ही रोचक जानकारियों के लिए हमारे Blog को follow कर सकते हैं, धन्यवाद।

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