basant panchami par nibandh

बसंत पंचमी पर निबंध

Basant Panchami Essay / Nibandh  in Hindi

                                                                                        (Paragraph, 10 Lines, anuched, Short , Lekh, Pdf)

Essay on Basant Panchami : दोस्तों आज हमने बसंत पंचमी पर निबंध  कक्षा (Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. Get Some Essay on Basant Panchami in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

प्रस्तावना : वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू का त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने वालों को विद्या और बुद्धि का वरदान मिलता है।

बसंत पंचमी और इसका महत्व :

“या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रुपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नयी उमंग से सूर्योदय होता है और नयी चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है।

जिस प्रकार मनुष्य जीवन में यौवन आता है उसी प्रकार बसंत इस प्रकृति का यौवन है। ‘बसंत ऋतु’ को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। जाती हुई सर्दियां, बड़े होते दिन, गुनगुनी धूप धीरे-धीरे तेज होती हुई, काव्य प्रेमियों को हमेशा आकर्षित करती रही है।

प्राचीनकाल से ही इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जा रहा है. देवी द्वारा बच्चे को बुधि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्राथना करते है. माना जाता है, की वसंत पंचमी के दिन अगर बच्चे को किसी भी तरह का दोष है, तो उसकी जीभ पर केसर से चांदी की सलाई से ऐ बिज मंत्र लिखे तो उसके कस्ट दूर हो जाते है.

इस दिन गरीबो को पंसिल, कोपी, पैन दान करे. इस त्यौहार को स्कुलो में भी बड़ी उत्साह के साथ मनाते है. और देवी माँ की पूजा अराधना करते है. कलाकारों और शिक्षाविद भारतीय के लिए ये त्यौहार बहुत ही प्रिय है. इसे भारत के अधिकाँश राज्य में इस त्यौहार को लेकर विशेष प्रकार का पकवान बनाते है. वैसे ही पंजाब में इस त्यौहार पर खेतो में विशेष प्रकार के पकावन बना कर गरीबो को खिलाते है. पर तरह-तरह के प्रोग्राम का आयोजन करते है.

बसंत पंचमी पर पीला रंग क्यों माना जाता है खास ?

मां सरस्वती की आराधना करने वाले भक्त भी बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं. बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है. इसके पीछे दो कारण महत्वपूर्ण माने जाते हैं. पहला बसंत को ऋतुओं का माना जाता है.

बसंत पंचमी के दिन से कड़कड़ाती ठंड खत्म होकर मौसम सुहावना होने लगता है. हर तरफ पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल-कलियां खिलने लग जाती हैं. गांव में इस मौसम में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नज़र आती है. इस पीली धरती को ध्यान में रख लोग बसंत पंचमी का स्वागत पीले कपड़े पहनकर करते हैं.

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बसंत पंचमी का त्यौहार कैसे मनाया जाता है ?

देश भर के लोगों के पास त्योहार मनाने के अलग-अलग तरीके हैं और यहाँ उनमें से कुछ हैं।

  • देश भर के लोग सरसों के फूलों के खेतों के प्रति अपने प्यार को दिखाने के लिए पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।
  • पीले रंग का चावल बनता है, और इस त्योहार को मनाने के लिए कई अन्य पीले रंग के व्यंजन बनाए जाते हैं।
  • देश के विभिन्न हिस्सों में लोग पतंग उड़ाते हैं जो इस अद्भुत त्योहार को मनाने का सबसे अच्छा तरीका है।
  • कई लोगों को लगता है कि त्योहार देवी सरस्वती के प्रति अपने प्यार को प्रदर्शित करने के लिए है और यही कारण है कि हिंदू देवी सरस्वती के प्रति अपने प्यार और प्रार्थना को दिखाते हैं।
  • जैसा कि देवी सरस्वती भाषा, कला, ज्ञान और संगीत के ज्ञान की देवी हैं, बहुत सारे लोग अपने बच्चों को संगीत बनाने या लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि देवी सरस्वती उनके प्रति प्रेम की बौछार कर सकें।

हिन्दू मान्यताएं

कई जगहों पर मान्यता है कि प्रातः काल बेसन लगाकर नहाना चाहिए। उसके बाद पीले कपड़े पहनकर माँ सरस्वती की अर्चना में लीन हो जाना चाहिए। कहा जाता है पीला रंग सिर्फ  बसंत ऋतू को ही नहीं दर्शाता है, अपितु माँ सरस्वती को भी पीले रंग से लगाव है।

बच्चो में अलग ही उत्साह का प्रवाह देखा जाता है। कई स्थानों पर छोटे से लेकर बड़ी प्रतिमा पंडालों में स्थापित किये जाते है। कई राज्य खासकर गुजरात में पतंग उड़ाने का उत्सव मनाया जाता है।

पौराणिक मान्यताएं

पहले दिनों में राजा हाथी पर विराजमान होकर सम्पूर्ण शहर घूमते थे। फिर मंदिर पहुँचते थे और वहाँ पूजा की जाती थी। इस मौसम में जौ, गेंहू और चना सम्पूर्ण रूप से कटने के लिए तैयार हो जाते है। फसलों के तैयार होने के आनंद में लोग इस त्यौहार को मनाते है।

पौराणिक कथाओ के मुताबिक इस दिन का इतिहास प्रसिद्ध कालिदास से जुड़ा हुआ है। कालिदास ने एक सुन्दर राजकुमारी से विवाह किया था। राजकुमारी ने उसकी निंदा की, जब उसे ज्ञात हुआ कि कालिदास बेवकूफ है।

कालिदास इससे आहत हुए और आत्महत्या करने के लिए जलाशय के पास गए। तभी देवी सरस्वती जल से प्रकट हुयी और उन्हें उस जल में डुबकी लगाने को कहा। कालिदास ने वैसे ही किया। उसके बाद से वह साहित्य से जुड़े श्रेष्ट कविताएं लिखने लगे और अपनी पत्नी को गलत साबित किया था। इसी तरह बसंत पंचमी को विद्या की देवी सरस्वती की लोग आराधना करते है।

निष्कर्ष:

बसंत पंचमी एक शानदार त्योहार है जो पूरे देश में बहुत खुशी और प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। देश में शायद ही कोई 10% लोग होंगे जिन्हें इस तरह के अद्भुत त्योहार से कोई समस्या है। दिन लोगों को खुश करता है और उन्हें उनके हर दुख के बारे में भूल जाता है। इसलिए, यह कहना काफी उचित है कि यह इस सुंदर त्योहार में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए सबसे अच्छा दिन है।

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