गणतंत्र दिवस पर निबंध – 26 जनवरी पर निबंध 2021 – Republic Day Essay in Hindi – Gantantra Diwas par Nibandh
(Paragraph, 10 Lines, anuched , Lekh)
Essay on Gantantra Diwas in Hindi : दोस्तों आज हमने गणतंत्र दिवस पर निबंध कक्षा (Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. Get Some Essay on Republic Day in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.
निबंध – 1 (300 शब्द)
प्रस्तावना : गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है । यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है । 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था ।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता :
भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकार किया था। जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। इसी उपलक्ष में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास :
आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया।
2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या अंतर है ?
● गणतंत्र दिवस में देश अपनी सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विलक्क्षणता दिखता है जबकि स्वतंत्रता दिवस में ऐसा कुछ नही होता ।
● गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि आते है जबकि स्वतंत्रता दिवस में नही ।
● गणतंत्र दिवस का मुख्य स्थान राजपथ है जबकि स्वतंत्रता दिवस का लाल किला ।
और अंत मे मेरे लिए अंतर
उपसंहार : हम भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि देश की रक्षा एवं अखण्डता के लिए हम अपना सब कुछ बलिदान कर दें । हमें प्रत्येक परिस्थिति में देश की रक्षा करनी ही है । यह सत्य है कि विभिन्नता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है । यही हमारे लोकतन्त्र के चिरस्थायी होने का महत्वपूर्ण आधार भी है ।
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निबंध – 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना : गणतंत्र दिवस यानि की रिपब्लिक डे इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और पुरे देश में इसे लागू किया गया था हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर लागू उसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे पुरे राष्ट्र में लागू कर दिया गया |
इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
भव्य कार्यक्रम :
इस दिन भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं…राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) फहराने से लेकर सेना के तीनों अंगों का सलामी कार्यक्रम और फिर अलग अलग राज्यों और विभागों की झांकियां….देशभक्ति गानों desh bhakti song पर स्कूली बच्चे डांस परफॉर्मेंस भी देते हैं।
ये सभी चीजें गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को और भी भव्य बनाती है। गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) को देखने के लिए हज़ारों लोग इंडिया गेट पहुंचते हैं। इए आपको बताते हैं गणतंत्र दिवस परेड शुरू होने का सही समय, कब होगा गणतंत्र दिवस परेड में ध्वजारोहण और परेड से जुड़ी पूरी जानकारी।
ध्वजारोहण के बाद निकलती हैं झांकियां :
ध्वजारोहण के बाद ही गणतंत्र दिवस की परेड शुरू हो जाती है जिसमें अलग अलग राज्यों और विभागों की झांकिया पेश की जाती है। स्कूल बच्चे लोक नृत्य पेश करते हैं और यही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की सबसे खास बात है।
पूरा भारत जन गण मन गण से गूंजता है :
आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है।
इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है।
इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। और अंत में पूरा भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।
उपसंहार : इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।
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निबंध – 3 (500 शब्द)
प्रस्तावना : हमारे देश के दो प्रसिद्ध त्योहार हैं 15 अगस्त और जनवरी 26 जनवरी को हम गणतन्त्र दिवस के नाम से पुकारते हैं । यह पर्व हम अपने देश में अत्यन्त उल्लास, उमंग एवं उत्साह से मनाते हैं । प्रत्येक भारतवासी को इस दिवस पर बेहद गर्व है ।
यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है
राजधानी दिल्ली का भव्य रंग :
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में होता है । विजय चौक पर मंच बना होता है तथा दर्शक दीर्घा होती है । राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ यहाँ पधारते हैं और राष्ट्रध्वज फहराते हैं । उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती
इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही
गणतंत्र दिवस पर स्वतंत्र सेनानियो को सलामी :
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र अपने महानायकों को स्मरण करता है । हजारों-लाखों लोगों की कुर्बानियों के बाद देश को आजादी मिली अंगे फिर राष्ट्र गणतंत्र बना । स्वतंत्रता हमें भीख में नहीं मिली ।
कइयों ने इसके लिए अपनी जान गँवायी । महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं ने जान की बाजी लगा दी ।
राष्ट्रीय पर्व – विविधता में एकता का संकेत :
पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है।
हर राज्य अपनी-अपनी विविधता लिए झांकी प्रस्तुत करता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन” से गूँज उठता है।
ढाई साल का समय लगने के बाद तैयार हुआ संविधान :
डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। लगभग तीन साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को खत्म हो गई। और इसको लागू कर दिया गया।
उपसंहार : किसी ने ठीक ही कहा है कि आजादी पाने की अपेक्षा उसकी रक्षा करना सबसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है । भारतीय गणतन्त्र अपने महान उद्देश्यों एवं संकल्पों के साथ जनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखे हुए है । हमारे गणतन्त्र को खतरा है उन आतंकवादी गतिविधियों से, देशद्रोहियों से, सम्प्रदायवाद से, धार्मिक संकीर्णता से, भष्ट्राचार से ।
इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे, साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।
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